परमात्मा के अष्ट दिव्य शक्तियाँ
1. सहने की शक्ति – मनुष्यों को सहने की शक्ति
2. सामना करने की शक्ति – परिस्थिति का सामना करने
की शक्ति
3. समाने की शक्ति – सद्गुणों को स्वयं में समाने
की / धारण करने की शक्ति
4. सहयोग करने की शक्ति – साथ मिल कर कर्म करने की
शक्ति
5. विस्तार को संकीर्ण करने की शक्ति – जैसे कछुवा
व समुद्री घोंघा विपत्ति के वक्त स्वयं को अपने खोल के अंदर सुरक्षित रखता है |
6. समेटने की शक्ति - स्वयं को इस शरीर से अलग समेटकर
आत्मा समझने की शक्ति| अपने भुत तथा वर्तमान काल के कर्मों को समेटने की शक्ति|
7. परखने की शक्ति – अवगुणों से सद्गुणों को निरंतर
परखने की शक्ति| श्रेष्ट जोहरी ही कांच के टुकडो से हीरे को अलग कर सकता है|
8. निर्णय करने की शक्ति – सत्य / असत्य तथा अच्छे /
बुरे में सत्य और अच्छे के पक्ष में निर्णय करने की शक्ति|
परमात्मा
के इन अष्ट दिव्य शक्तियों को हमें अपने हर रोज़ के दिनचर्या में धारण करने की
आवश्कता है |
परमात्मा के अष्ट दिव्य शक्तियाँ
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